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स्वागत

नमस्कार मेरे ब्लॉग में आपका स्वागत हैं, काफी ज्योतिष विद्वानों के साथ रह कर और गुरु जी की कृपा से ज्योतिष सीखी, खूब अध्ययन किया फिर कुछ इसे ज्योतिष मित्रो से मुलाकाते हुई जो ज्योतीस का व्यव्शायिक उपयोग करते हैं और हद तो तब होती हैं जब वो किसी से वो असी असी बातो के पैसे ले हैं जिनका ज्योतिष से कोई सरोकार ही नहीं हैं यानी एक ज्योतिषी तांत्रिक भी बन बेठा और ज्योतिषी भी बड़ा दुःख और आश्चर्य होता जब लोग उनकी बातो पर यकीं भी करते और उनको पैसा भी देते फिरक पड़ना या न पड़ना दूसरी बात हैं कोई ज्योतिषी भगवन नहीं हो सकता न ही कोई भी कांफिडेंस से ये दावा कर सकता हैं की १००% काम होगा ही होगा क्योंकी अगर भाग्य पर विश्वाश हैं तो कर्म पर भी होना हैं एक महाशय से मुलाकात हूई इस ज्योतिष यात्रा में तो जनाब ने बताया एक पर्सन का उतर देने के वो ५००० रुपये लेते हैं अपने आप को इसे पेश करते हैं की आम आदमी तो बेचारा उनके सामने बताने से ही ढेर हो जाये यंहा एक बात और ज्योतिषी को एक अच्छा वक्ता होने की भी जरुरत हैं, यंहा ब्लॉग लिखने का कारन यही हैं में व्यावसायिक ज्योतिषी नहीं हूँ न ही बनाना चाहता हूँ पर अपने गुरु के द्वारा दिए गए ग्यान को गवाना भी नहीं चाहता बस यही कारन हैं के मैंने ये ब्लॉग बना डाला इस ब्लॉग में आप की कोई भी समस्या हो में हर संभव कोशिस करूँगा की आप की समस्या का हल निकल पाऊ आप मेरे से vinod.rankas@gmail.com पर समपर्क कर सकते हैं समय मिलते ही आप को जवाब जरुर दूंगा और 9252498385 पर संपर्क कर सकते हैं पर फोन पर समपर्क तभी करे जब आप की समस्या अति गंभीर हो और तुंरत समाधान चाहिए हो अनावश्यक फोन न करे और मेल पर समपर्क कर ले धन्यवाद्

parshan kundli

प्रश्‍न कुण्‍डली वास्‍तव में समय विशेष की एक कुण्‍डली है जो उस समय बनाई जाती है जब जातक प्रश्‍न पूछता है। यानि जातक द्वारा पूछे गए प्रश्‍न का ही भविष्‍य देखने का प्रयास किया जाता है। यह सवाल कुछ भी हो सकता है। मेरा मानना है कि किसी सवाल का जवाब देने के लिए प्रश्‍न कुण्‍डली सर्वाधिक उपयुक्‍त तरीका है। प्रश्‍न के सामने आते ही उस समय की कुण्‍डली बना ली जाए। इससे समय के फेर की समस्‍या नहीं रहती। इसके साथ ही जातक की मूल कुण्‍डली भी मिल जाए और वह प्रश्‍न कुण्‍डली को इको करती हो तो सवाल का जवाब ढूंढना आसान हो जाता है। 
दूसरा बिंदु है जातक के सवाल का सही होना। 
जातक का सवाल सही नहीं होने पर प्रश्‍न और कुण्‍डली एक दूसरे के पूरक नहीं बन पाते हैं। ऐसे में प्रश्‍न कुण्‍डली बनाने के साथ ही ज्‍योतिषी को प्रश्‍न के स्‍वभाव का प्रारंभिक अनुमान भी कर लेना चाहिए। इससे प्रश्‍न में बदलाव की संभावना कम होती है। ज्‍योतिष कार्यालय चलाने वाले लोगों को पता है कि एक दिन में एक ही प्रकार की समस्‍याओं वाले लोग अधिक आते हैं। पूर्व में मैंने में ज्‍योतिष कार्यालय खोला था। तब मुझे यह बात शिद्दत से महसूस हुई थी। जिस दिन गोचर में चंद्रमा और शनि की युति थी उस दिन तो पूरे दिन मानसिक समस्‍याओं से घिरे लोग ही आए। हां मानसिक समस्‍याओं का प्रकार लग्‍न और अन्‍य ग्रहों के कारण बदल जाता। किसी को सिजोफ्रीनिया था, तो किसी को क्रोनिक डिप्रेशन, कोई दिमागी सुस्‍ती का शिकार था तो कोई शारीरिक बीमारी के कारण मानसिक रूप से परेशान मिला। इस तरह एक ओर विश्‍लेषण आसान हो जाता है तो दूसरी और पिछली बातें स्‍पष्‍ट करने के बजाय भविष्‍य कथन में अधिक ध्‍यान लगाया जा सकता है। 
छ्द्म सवाल- 
प्रश्‍न कुण्‍डली से जवाब देने में छद्म सवाल सबसे बड़ी बाधा है। आपने जातक के सवाल को सुनकर जो कुण्‍डली बनाई है अगर वह कुण्‍डली सवाल से मैच नहीं कर रही है तो समझ लीजिए कि सवाल छद्म है। इससे दूसरी परेशानी यह पैदा होती है कि न तो आप जातक को पिछली बातें सही बता पाते हैं न भविष्‍य कथन सही कर पाते हैं। 
प्रश्‍न कुण्‍डली के फायदे
जन्‍म समय का फेर नहीं होता 
हाथों हाथ तैयार हो जाती है 
सवाल के जवाब स्‍पष्‍ट मिलते हैं 
हर तरह के सवाल का जवाब  दिया जा सकता है 
जिन लोगों को जन्‍म समय नहीं है उनके लिए यह वरदान है 
कई सवालों के सटीक जवाब मिलते हैं 
हां और ना के अधिक सही जवाब मिल सकते हैं 
सिद्धार्थ जोशी द्वारा संपादित अंश 
इती शुभम

5 comments:

Astrologer Sidharth 7 मार्च 2010 को 1:43 am बजे  

यह मेरे द्वारा संपादित नहीं है बंधु यह मेरे द्वारा लिखी गई पोस्‍ट है। यहां लिखिए सिद्धार्थ जोशी के ब्‍लॉग से साभार... तब आपका वाक्‍य सही होगा। वरना ऐसे ही चुरा लीजिए। आपके ब्‍लॉग पर संपादन का काम मैं क्‍यों करने लगा। इतना काम तो आपको खुद ही कर लेना चाहिए था।

बेनामी 7 अप्रैल 2014 को 11:57 am बजे  

mere pati ka janm may me huaa tha par inki kudali nahi hay naahi date ka pata hay kya aap mere prshno ke utar de sakte hai

बेनामी 2 मई 2014 को 9:13 am बजे  

Mera parshan h ki main abhi jis ladke saath hu realtionship mein hu uske saath meri shaadi ki baat chal rahi h toh mera future kaisa hoga uske hum dono ek doosre k bina nhi rahe sakte h mera naam madhu h ur uska naam rahul h pr rashi cancer h

बेनामी 2 मई 2014 को 9:33 am बजे  

Mera sawaal h ki main abhi jis lafke saath relationship mein rahe rahi hu uske saath meri shaadi ki baat chal rahi hum dono ek doosre k bina nhi rahe sakte h uski rashi cancer h per naam uska rahul aisa kuch uppay batao ki hum ek doosre k saath khush rahe sake meri i.d madhusharma8885@gmail.com/8285475228/ meri dob 2/7/1995 9:45 am

बेनामी 14 अप्रैल 2015 को 5:51 pm बजे  

mara namm sudhir kumar hi mari kundli nahi hi muje mara bhavsia ka bara ma batiya mara makan kab tak banaga high school ka anusar mara janam 13 02 1974 hi karpya mare bare ma kuch batyia


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