शेयर बाजार
शेयर बाजार जब चढता है तो लोग कहते हैं कि यह निवेश का सही समय है लेकिन निवेश करने के साथ ही बाजार गिरने लगता है और लगाया हुआ पैसा डूबता हुआ नजर आता है। ऐसा ही कुछ बाजार गिरने के समय सुनाई देता है कि अब शेयर बाजार पर्याप्त गिर चुका है और अब ऊपर जाएगा इसलिए इसमें निवेश करने का सबसे सही वक्त है। लेकिन इस बार भी ऐसा ही कुछ होता है। यानि गिरते हुए बाजार में एक बार फिर पूंजी डूबती नजर आती है।
तो कब करना चाहिए निवेश
यह बहुत ही सीधा और स्पष्ट सवाल है और इसका जवाब इतना ही टेढा और उलझा हुआ। ज्योतिष के मायने से देखा जाए तो मैंने इसका एक हल निकाला है। हर व्यक्ति की कुण्डली में ग्यारहवां घर होता है आय का और बारहवां घर होता है व्यय का। शेयर बाजार और सट्टे में एक मूल अन्तर है वह यह कि सट्टे में पूरी रकम एक साथ लगती है और बाद में एकसाथ आती है लेकिन शेयर बाजार में ऐसा नहीं होता। शेयर में निवेश करने का अर्थ हुआ कि हम अमुक कंपनी में अपना विश्वास व्यक्त कर रहे हैं और समय आने पर लाभ का हिस्सा लेंगे। यानि निवेश इस तरह से कि पैसा न तो एकसाथ आता है और न एकसाथ जाता है।
सट्टे में पांचवां भाव प्रमुख रूप से देखा जाता है। इसके अलावा ग्यारहवां भाव। वहीं शेयर बाजार में निवेश के लिए मैंने बहुत से लोगों को बारहवां भाव ऑपरेट होने पर निवेश करने की सलाह दी। यानि उन लोगों के हाथ से खर्च कराया वह भी निवेश के रूप में। बाद में जब ग्यारहवां भाव ऑपरेट हो रहा था उन दिनों में उन्हें पैसे निकाल लेने की सलाह दी गई। कुछ मामलों में लोगों को अच्छा लाभ हुआ तो कुछ में आंशिक लाभ की स्थिति रही। लेकिन नुकसान किसी को नहीं हुआ। यह एक सामान्य ट्रिक थी। इसके साथ समय भी अच्छा चलता हुआ होना चाहिए वरना निवेश किया गया पैसा डूब भी सकता है। समय खराब हो तो ग्यारहवां भाव भी परेशानियां लेकर आता है। उसके बारे में फिर कभी